भारत के दृश्टिकोण को ध्यान में रखते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नेतृत्व करना और एक नई क्रांति की शुरुआत करने के लिए एक अभूतपूर्व आर्थिक विकास के परिणाम स्वरूप, भारत सरकार ने तकनीकी जनशक्ति को महसूस किया और आठ नए आईआईटी स्थापित करने का निर्णय लिया। उनमे से छह ने शैक्षणिक वर्ष २००८-२००९ से काम करना प्रारम्भ किया जो हैदराबाद, गांधीनगर, राजस्थान, रोपड़, पटना, और भुवनेश्वर में स्थापित किये गए थे। आईआईटी इंदौर और आईआईटी मंडी ने जुलाई २००९ से कार्य करना शुरू किया।
आईआईटी इंदौर शोध - उन्मुख अध्ययनों पर ध्यान केंद्रित करता है जो बेहतर कल की नींव रखता है। पढाई के साथ -साथ,आईआईटी इंदौर देश में व्याप्त सामाजिक, आर्थिक, जैविक मुद्दों को हल करने पर केंद्रित है। आईआईटी इंदौर राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग (NIRF), मानव संसाधन मंत्रालय (शिक्षा मंत्रालय), सरकार द्वारा इंजीनियरिंग श्रेणी में १० वें स्थान पर है। भारत ने अपने अस्तित्व के पहले दशक में अभूतपूर्व सफलता देखी है।
आईआईटी इंदौर संस्थान में विश्व स्तरीय अनुसंधान प्रयोगशालाए, आधारभूत संरचनाएँ और सुविधाएँ है। अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा, संस्थान ने सामाजिक उत्तरदायित्व में भी अभूतपूर्व काम किया है।