सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम, २००६ के साथ समझौते में शुरू किया गया है, जो वस्तुओ और वस्तुओ के उत्पादन, निर्माण, प्रसंस्करण या संरक्षण में लगे हुए है। एमएसएमई क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है जिसने राष्ट्र के सामाजिक -आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। यह रोजगार के अवसर प्रदान करता है और पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में काम करता है। इसलिए एमएसएमई क्षेत्रो को सशक्त बनाने के लिए मध्यप्रदेश में भी इस तरह के सम्मलेन का आयोजन करना समय की मांग है। एमएसएमई सम्मलेन प्रतिनिधियों को एमएसएमई पहल के विभिन्न पहलुओं और एमएसएमई की जरूरतों को पूरा करने के लिए रणनीतिक योजना पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा।
कौन शामिल हो सकता है :
एमएसएमई क्षेत्रो में शामिल पेशेवर / सरकार / वैज्ञानिक / प्रोफ़ेसर /नीति निर्माता / शोधकर्ता / छात्र /एमएसएमई क्षेत्रो में रूचि रखने वाला कोई भी व्यक्ति।
गतिविधियां
विशेषज्ञ व्याख्यान, समूह चर्चा,सहयोगात्मक जुड़ाव, उत्पाद / विचार प्रदर्शन
समन्वयक
डा विमल भाटिया, आईआईटी इंदौर
डा नागेंद्र कुमार, आईआईटी इंदौर
डा जयप्रकाश मुरुगेसनी, आईआईटी इंदौर
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